राजगीर

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पौराणिक राजगृह

राजगीर, बौद्ध, हिंदू, जैन, इस्लाम और सिखों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में राजगीर को कई नामों से जाना जाता था जैसे कुसुमती, वृदथ पेश घर पुर, गिरिवर्ज और कुशागेरपुर, रामायण में बजरपति नाम मिलता है। अन्य बौद्ध स्थलों की तरह इस स्थल की खोज का श्रेय भी अलेक्जेंडर कनिंघम को दिया जाता है। उन्होंने यहां पहली खुदाई 1861-1862 में की थी।

बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित एक खूबसूरत शहर, राजगीर दुनिया भर से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। यह स्थान चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और एक घाटी में स्थित है। इसके अलावा, इस जगह का शांत वातावरण आपके मन और आत्मा को तरोताजा कर देगा। यह वह स्थान है जहां माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने कई उपदेश दिए थे और भगवान महावीर कुछ समय के लिए यहां रहे थे। आप गिद्ध शिखर नामक स्थान पर ध्यान कर रहे बौद्ध भिक्षुओं को भी देख सकते हैं। बुद्ध का ज्ञान इसी स्थान पर लिखा गया था और यह पहली बौद्ध परिषद के लिए स्थान के रूप में भी कार्य करता है। यह विभिन्न हिंदू और जैन मंदिरों का भी घर है। इतना ही नहीं, इसमें पानी के तालाब भी हैं जिनमें औषधीय गुण हैं जो कई त्वचा रोगों के इलाज में मदद करते हैं। राजगीर एक ऐसा पौराणिक स्थल है जिसकी स्थापना 200 ईसा पूर्व यानि लगभग 400 साल पहले हुयी थी यहाँ स्थित विभिन्न दर्शन स्थल यात्रियों को बिहार ही नहीं अपितु भारत के एतिहासिक , धार्मिक एम्वं सांस्कृतिक पहलुओं से अवगत करते हैं